Indigo की फ्लाइट में हुआ ऐसा टर्बुलेंस कि रोने लगे यात्री, जानिए क्या होता है एयर टर्बुलेंस और क्यों होता है?
Turbulence in Indigo Flight: कभी-कभी टर्बुलेंस इतना भयानक हो जाता है, कि विमान के अंदर बैठे लोग घबरा जाते हैं. खासकर वो लोग जो हवाई सफर के आदी नहीं हैं या कमजोर दिल के हैं. कुछ ऐसा ही बीते गुरुवार को इंडिगो की फ्लाइट में हुआ. जानिए ये होता क्या है और क्यों होता है?
Turbulence in Indigo Flight: फ्लाइट में सफर करने वाले लोग एयर टर्बुलेंस (Air Turbulence) शब्द से परिचित होंगे. उड़ान के दौरान कई बार टर्बुलेंस की स्थिति पैदा होती है. लेकिन कभी-कभी टर्बुलेंस इतना भयानक हो जाता है, कि विमान के अंदर बैठे लोग घबरा जाते हैं. खासकर वो लोग जो हवाई सफर के आदी नहीं हैं या कमजोर दिल के हैं. कुछ ऐसा ही बीते गुरुवार को इंडिगो की फ्लाइट में हुआ. जोधपुर से जयपुर जा रही फ्लाइट संख्या 6E-7406 में खराब मौसम के चलते टर्बुलेंस हुआ.
इसके कारण फ्लाइट लैंड नहीं कर पा रही थी. करीब 25 मिनट तक जयपुर के आसमान में चक्कर काटती रही. बताया जा रहा है कि टर्बुलेंस इतना तेज था की यात्रियों के ऑक्सीजन बैग भी खुलकर नीचे आ गए. फ्लाइट आसमान में हिचकोले खा रही थी. इससे यात्री बहुत घबरा गए. कुछ तो डर की वजह से रोने लगे. जयपुर के आसमान में कई चक्कर काटने के बाद जब फ्लाइट की सुरक्षित लैंडिंग हुई, तब जाकर उनकी जान में जान आई. आइए आपको बताते हैं कि आखिर टर्बुलेंस क्या होता है, किस वजह से होता है.
क्या होता है टर्बुलेंस
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
जब उड़ान के दौरान फ्लाइट के पंखों से हवा अनियंत्रित होकर टकराती है तब प्लेन में एयर टर्बुलेंस की स्थिति पैदा होती है. ऐसे में टर्बुलेंस के कारण विमान ऊपर नीचे होने लगता है और यात्रियों को झटके लगने लगते हैं. ज्यादातर लोग समझते हैं कि ऐसा खराब मौसम या तूफान में ही होता है, लेकिन एयर टर्बुलेंस के कई कारण हो सकते हैं.
किस वजह से होते हैं टर्बुलेंस
ज्यादातर बार टर्बुलेंस मौसम की वजह से होते हैं. बिजली कड़कने और भारी बादल होने पर कई बार टर्बुलेंस पैदा होता है. इसके अलावा कई बार साफ मौसम में भी टर्बुलेंस की स्थिति पैदा हो जाती है और ये काफी खतरनाक भी हो सकता है. दरअसल साफ हवा में टर्बुलेंस अक्सर ज्यादा ऊंचाई पर मौजूद हवा की धाराओं में होता है, जिन्हें जेट स्ट्रीम कहते हैं. ऐसा तब होता है जब हवा की दो धाराएं एक दूसरे के आस-पास अलग-अलग रफ्तार से बहती हैं. अगर रफ्तार में अंतर बहुत ज्यादा हो तो वातावरण इसका दबाव संभाल नहीं पाता और हवा की धाराएं दो हिस्सों में बंट जाती हैं.
कई तरह के होते हैं टर्बुलेंस
फ्लाइट में सिर्फ एयर टर्बुलेंस ही नहीं होता. इसके अलावा भी कई तरह के टर्बुलेंस हो सकते हैं जैसे- थर्मल टर्बुलेंस, टेम्पेरेचर इंवर्जन टर्बुलेंस, मेकनिकल टर्बुलेंस, फ्रंटल टर्बुलेंस, माउंटेन वेब टर्बुलेंस और थंडरस्टॉर्म टर्बुलेंस. हालांकि सबसे ज्यादा एयर टर्बुलेंस के मामले देखने को मिलते हैं, जो अधिकतर मौसम की वजह से होते हैं. तमाम एक्सपर्ट्स का मानना है कि धरती का तापमान बढ़ने की वजह से भी टर्बुलेंस की घटनाएं बढ़ गई हैं.
10:39 AM IST